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नशे पर ‘प्रहार’ के लिए मुख्य सचिव ने एसएसपी एसटीएफ को दी पूरी छूट, प्रदेश में चलेगा जोरदार अभियान

मुख्य सचिव ने  प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश में नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए एसएसपी (एसटीएफ) नवनीत सिंह को पूरी छूट देते हुए उन्हें सिंगल प्वाइंट नोडल अधिकारी नामित किया।मुख्य सचिव बृहस्पतिवार को सचिवालय में राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नशे की जड़ों को काटने के लिए पुलिस को जो भी आवश्यकता है, उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाने के निर्देश दिए। कहा कि इसमें प्रत्येक संबंधित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किया जाए। कहा कि सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय हो। निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने के लिए राजी करें। इसके लिए उपकरण एवं जांच सामग्री की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाए।अभिभावकों का इसमें सहयोग लिया जाए। उन्होंने विद्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाने की बात कही। सीएस ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राइवेट नशामुक्ति केंद्रों का भौतिक निरीक्षण कर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें। उन्होंने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। शिक्षण संस्थानों में वार्षिक स्वास्थ्य जांच को बढ़ावा दिया जाए। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश भरने, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव रंजना राजगुरु एवं एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।सीएस ने गृह विभाग, सूचना विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक दिन निर्धारित करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए।

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