Uttarakhand Panchayat Chunav: कौन होगा गांव का प्रधान, तय करेगा प्रवासी मतदाताओं का रुझान

उत्तराखंड के 49 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 68% मतदान हुआ। कई बूथों पर रात तक मतदाताओं की कतार लगी थी। इस दौरान कुल 63 फीसदी पुरुष और 73 फीसदी महिला मतदाताओं ने मतदान किया।त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का पहला चरण शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है जबकि दूसरा चरण 28 जुलाई को होगा। इन चुनावों में मेरा गांव मेरा वोट की भावना के साथ प्रवासी मतदाताओं ने बड़ी संख्या में गांव की सरकार बनाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ऐसे में साफ है कि प्रवासियों के रुझान की गांव में कौन होगा प्रधान को तय करने में अहम भूमिका होती है।प्रथम चरण के तहत नारायणबगड़, थराली और देवाल विकासखंडों में मतदान हुआ। उत्तरी कड़ाकोट पट्टी के कोट गांव में चमतोली गदेरे के उफान की परवाह न करते हुए भी बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता पोलिंग बूथ तक पहुंचे। इस गदेरे पर पुल नहीं है ऐसे में युवा ग्रामीणों ने बुजुर्गों और महिला मतदाताओं को इस उफनते गदेरे को पार कराकर मतदान केंद्र तक पहुंचाया।स्थानीय लोगों के अनुसार पंचायतों में प्रत्याशियों और मतदाताओं के बीच गहरा संबंध होता है। यही कारण है कि अन्य शहरों और प्रदेशों में निजी नौकरी या रोजगार करने वाले मतदाता भी भारी संख्या में अपने गांव पहुंचते हैं। इनमें से अधिकतर प्रधान पद के उम्मीदवारों के संपर्क से आते हैं लेकिन इन प्रवासी वोटों का प्रभाव केवल प्रधान पद तक सीमित नहीं रहता बल्कि यह क्षेत्र और जिला पंचायत के चुनावी गणित को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।